महाभारतम् — 3.34.54
Original
Segmented
तस्माद् विचलितः पार्थ लोके हास्यम् गमिष्यसि स्वधर्मात् हि मनुष्याणाम् चलनम् न प्रशस्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्माद् | तद् | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| विचलितः | विचल् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| पार्थ | पार्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| हास्यम् | हास्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| गमिष्यसि | गम् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| स्वधर्मात् | स्वधर्म | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| मनुष्याणाम् | मनुष्य | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| चलनम् | चलन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| प्रशस्यते | प्रशंस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |