महाभारतम् — 3.40.5
Original
Segmented
किरात-वेष-प्रच्छन्नः स्त्रीभिः च अनु सहस्रशः अशोभत तदा राजन् स देवो ऽतीव भारत
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| किरात | किरात | pos=n,comp=y |
| वेष | वेष | pos=n,comp=y |
| प्रच्छन्नः | प्रच्छद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| स्त्रीभिः | स्त्री | pos=n,g=f,c=3,n=p |
| च | च | pos=i |
| अनु | अनु | pos=i |
| सहस्रशः | सहस्रशस् | pos=i |
| अशोभत | शुभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| तदा | तदा | pos=i |
| राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| देवो | देव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽतीव | अतीव | pos=i |
| भारत | भारत | pos=a,g=m,c=8,n=s |