महाभारतम् — 3.43.15
Original
Segmented
अर्जुन उवाच मातले गच्छ शीघ्रम् त्वम् आरोहस्व रथ-उत्तमम् राजसूय-अश्वमेधानाम् शतैः अपि सु दुर्लभम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अर्जुन | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| मातले | मातलि | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| गच्छ | गम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| शीघ्रम् | शीघ्रम् | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| आरोहस्व | आरुह् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| रथ | रथ | pos=n,comp=y |
| उत्तमम् | उत्तम | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| राजसूय | राजसूय | pos=n,comp=y |
| अश्वमेधानाम् | अश्वमेध | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| शतैः | शत | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| अपि | अपि | pos=i |
| सु | सु | pos=i |
| दुर्लभम् | दुर्लभ | pos=a,g=m,c=2,n=s |