महाभारतम् — 3.45.1
Original
Segmented
वैशम्पायन उवाच ततो देवाः स गन्धर्वाः समादाय अर्घ्यम् उत्तमम् शक्रस्य मतम् आज्ञाय पार्थम् आनर्चुः अञ्जसा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशम्पायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ततो | ततस् | pos=i |
| देवाः | देव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| स | स | pos=i |
| गन्धर्वाः | गन्धर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| समादाय | समादा | pos=vi |
| अर्घ्यम् | अर्घ्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| उत्तमम् | उत्तम | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| शक्रस्य | शक्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| मतम् | मत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आज्ञाय | आज्ञा | pos=vi |
| पार्थम् | पार्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आनर्चुः | अर्च् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| अञ्जसा | अञ्जसा | pos=i |