महाभारतम् — 3.45.7
Original
Segmented
वादित्रम् देव-विहितम् नृ-लोके यत् न विद्यते तद् अर्जयस्व कौन्तेय श्रेयो वै ते भविष्यति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वादित्रम् | वादित्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| देव | देव | pos=n,comp=y |
| विहितम् | विधा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| नृ | नृ | pos=n,comp=y |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अर्जयस्व | अर्जय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| कौन्तेय | कौन्तेय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| श्रेयो | श्रेयस् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| वै | वै | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
| भविष्यति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |