महाभारतम् — 3.46.21
Original
Segmented
दुःशासनस्य ता वाचः श्रुत्वा ते दारुण-उदयाः कर्णस्य च महा-राज न स्वप्स्यन्ति इति मे मतिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दुःशासनस्य | दुःशासन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| ता | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=p |
| वाचः | वाच् | pos=n,g=f,c=2,n=p |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| दारुण | दारुण | pos=a,comp=y |
| उदयाः | उदय | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| कर्णस्य | कर्ण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| च | च | pos=i |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| राज | राज | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| न | न | pos=i |
| स्वप्स्यन्ति | स्वप् | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
| इति | इति | pos=i |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| मतिः | मति | pos=n,g=f,c=1,n=s |