महाभारतम् — 3.51.14
Original
Segmented
नारद उवाच आवयोः कुशलम् देव सर्वत्रगतम् ईश्वर लोके च मघवन् कृत्स्ने नृपाः कुशलिनो विभो
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| नारद | नारद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| आवयोः | मद् | pos=n,g=,c=6,n=d |
| कुशलम् | कुशल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| देव | देव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| सर्वत्रगतम् | सर्वत्रगत | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| ईश्वर | ईश्वर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| च | च | pos=i |
| मघवन् | मघवन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| कृत्स्ने | कृत्स्न | pos=a,g=m,c=7,n=s |
| नृपाः | नृप | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| कुशलिनो | कुशलिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| विभो | विभु | pos=a,g=m,c=8,n=s |