महाभारतम् — 3.57.12
Original
Segmented
जानीषे त्वम् यथा राजा सम्यक् वृत्तः सदा त्वयि तस्य त्वम् विषम-स्थस्य साहाय्यम् कर्तुम् अर्हसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| जानीषे | ज्ञा | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |
| राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सम्यक् | सम्यक् | pos=i |
| वृत्तः | वृत् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| सदा | सदा | pos=i |
| त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| विषम | विषम | pos=n,comp=y |
| स्थस्य | स्थ | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| साहाय्यम् | साहाय्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| कर्तुम् | कृ | pos=vi |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |