महाभारतम् — 3.57.15
Original
Segmented
सुहृद्-स्व-जन-वाक्यानि यथावन् न शृणोति च नूनम् मन्ये न शेषो ऽस्ति नैषधस्य महात्मनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सुहृद् | सुहृद् | pos=n,comp=y |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| जन | जन | pos=n,comp=y |
| वाक्यानि | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| यथावन् | यथावत् | pos=i |
| न | न | pos=i |
| शृणोति | श्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| च | च | pos=i |
| नूनम् | नूनम् | pos=i |
| मन्ये | मन् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| न | न | pos=i |
| शेषो | शेष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| नैषधस्य | नैषध | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| महात्मनः | महात्मन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |