महाभारतम् — 3.69.16
Original
Segmented
ऋतुपर्ण उवाच त्वम् एव हय-तत्त्व-ज्ञः कुशलः च असि बाहुक यान् मन्यसे समर्थांस् त्वम् क्षिप्रम् तान् एव योजय
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ऋतुपर्ण | ऋतुपर्ण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| हय | हय | pos=n,comp=y |
| तत्त्व | तत्त्व | pos=n,comp=y |
| ज्ञः | ज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| कुशलः | कुशल | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| बाहुक | बाहुक | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| यान् | यद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| मन्यसे | मन् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| समर्थांस् | समर्थ | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| क्षिप्रम् | क्षिप्रम् | pos=i |
| तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| एव | एव | pos=i |
| योजय | योजय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |