महाभारतम् — 3.75.1
Original
Segmented
दमयन्ती उवाच न माम् अर्हसि कल्याण पापेन परिशङ्कितुम् मया हि देवान् उत्सृज्य वृतः त्वम् निषध-अधिपैः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दमयन्ती | दमयन्ती | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| न | न | pos=i |
| माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| कल्याण | कल्याण | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| पापेन | पाप | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| परिशङ्कितुम् | परिशङ्क् | pos=vi |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| देवान् | देव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| उत्सृज्य | उत्सृज् | pos=vi |
| वृतः | वृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| निषध | निषध | pos=n,comp=y |
| अधिपैः | अधिप | pos=n,g=m,c=8,n=s |