महाभारतम् — 3.81.167
Original
Segmented
संनिहित्याम् उपस्पृश्य राहु-ग्रस्ते दिवाकरे अश्वमेध-शतम् तेन इष्टम् भवति शाश्वतम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संनिहित्याम् | संनिहिती | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| उपस्पृश्य | उपस्पृश् | pos=vi |
| राहु | राहु | pos=n,comp=y |
| ग्रस्ते | ग्रस् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
| दिवाकरे | दिवाकर | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| अश्वमेध | अश्वमेध | pos=n,comp=y |
| शतम् | शत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तेन | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| इष्टम् | इष् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| शाश्वतम् | शाश्वत | pos=a,g=n,c=2,n=s |