महाभारतम् — 3.82.127
Original
Segmented
अग्निधाराम् समासाद्य त्रिषु लोकेषु विश्रुताम् अग्निष्टोमम् अवाप्नोति न च स्वर्गात् निवर्तते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अग्निधाराम् | अग्निधारा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| समासाद्य | समासादय् | pos=vi |
| त्रिषु | त्रि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| विश्रुताम् | विश्रु | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| अग्निष्टोमम् | अग्निष्टोम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अवाप्नोति | अवाप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| स्वर्गात् | स्वर्ग | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| निवर्तते | निवृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |