महाभारतम् — 4.12.19
Original
Segmented
बबन्ध कक्ष्याम् कौन्तेयः ततस् तम् हर्षयञ् जनम् ततस् तम् वृत्र-संकाशम् भीमो मल्लम् समाह्वयत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| बबन्ध | बन्ध् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| कक्ष्याम् | कक्ष्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| कौन्तेयः | कौन्तेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ततस् | ततस् | pos=i |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| हर्षयञ् | हर्षय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| जनम् | जन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| ततस् | ततस् | pos=i |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| वृत्र | वृत्र | pos=n,comp=y |
| संकाशम् | संकाश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| भीमो | भीम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मल्लम् | मल्ल | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| समाह्वयत् | समाह्वा | pos=v,p=3,n=s,l=lan |