महाभारतम् — 4.15.37
Original
Segmented
शुशुभे वदनम् तस्या रुदन्त्या विरतम् तदा मेघ-लेखा-विनिर्मुक्तम् दिवि इव शशि-मण्डलम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शुशुभे | शुभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| वदनम् | वदन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तस्या | तद् | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| रुदन्त्या | रुद् | pos=va,g=f,c=6,n=s,f=part |
| विरतम् | विरम् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| तदा | तदा | pos=i |
| मेघ | मेघ | pos=n,comp=y |
| लेखा | लेखा | pos=n,comp=y |
| विनिर्मुक्तम् | विनिर्मुच् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| दिवि | दिव् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| शशि | शशिन् | pos=n,comp=y |
| मण्डलम् | मण्डल | pos=n,g=n,c=1,n=s |