महाभारतम् — 4.21.57
Original
Segmented
क्रोध-आविष्टः विनिःश्वस्य पुनः च एनम् वृकोदरः जग्राह जयताम् श्रेष्ठः केशेषु एव तदा भृशम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| क्रोध | क्रोध | pos=n,comp=y |
| आविष्टः | आविश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| विनिःश्वस्य | विनिःश्वस् | pos=vi |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| च | च | pos=i |
| एनम् | एनद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| वृकोदरः | वृकोदर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| जग्राह | ग्रह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| जयताम् | जि | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
| श्रेष्ठः | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| केशेषु | केश | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| एव | एव | pos=i |
| तदा | तदा | pos=i |
| भृशम् | भृशम् | pos=i |