महाभारतम् — 4.22.17
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच इति उक्त्वा स महा-बाहुः विजजृम्भे जिघांसया ततः स व्यायतम् कृत्वा वेषम् विपरिवर्त्य च अद्वारेण अभ्यवस्कन्द्य निर्जगाम बहिस् तदा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| इति | इति | pos=i |
| उक्त्वा | वच् | pos=vi |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| बाहुः | बाहु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| विजजृम्भे | विजृम्भ् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| जिघांसया | जिघांसा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| ततः | ततस् | pos=i |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| व्यायतम् | व्यायम् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| वेषम् | वेष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| विपरिवर्त्य | विपरिवर्तय् | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| अद्वारेण | अद्वार | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| अभ्यवस्कन्द्य | अभ्यवस्कन्द् | pos=vi |
| निर्जगाम | निर्गम् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| बहिस् | बहिस् | pos=i |
| तदा | तदा | pos=i |