महाभारतम् — 4.23.21
Original
Segmented
सैरन्ध्री उवाच बृहन्नडे किम् नु तव सैरन्ध्र्या कार्यम् अद्य वै या त्वम् वससि कल्याणि सदा कन्यापुरे सुखम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सैरन्ध्री | सैरन्ध्री | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| बृहन्नडे | बृहन्नड | pos=n,g=f,c=8,n=s |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| नु | नु | pos=i |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| सैरन्ध्र्या | सैरन्ध्री | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| कार्यम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| अद्य | अद्य | pos=i |
| वै | वै | pos=i |
| या | यद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| वससि | वस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| कल्याणि | कल्याण | pos=a,g=f,c=8,n=s |
| सदा | सदा | pos=i |
| कन्यापुरे | कन्यापुर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| सुखम् | सुखम् | pos=i |