महाभारतम् — 4.25.6
Original
Segmented
अर्वाक् कालस्य विज्ञाताः कृच्छ्र-रूप-धराः पुनः प्रविशेयुः जित-क्रोधाः तावत् एव पुनः वनम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अर्वाक् | अर्वाक् | pos=i |
| कालस्य | काल | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| विज्ञाताः | विज्ञा | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| कृच्छ्र | कृच्छ्र | pos=a,comp=y |
| रूप | रूप | pos=n,comp=y |
| धराः | धर | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| प्रविशेयुः | प्रविश् | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
| जित | जि | pos=va,comp=y,f=part |
| क्रोधाः | क्रोध | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| तावत् | तावत् | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| वनम् | वन | pos=n,g=n,c=2,n=s |