महाभारतम् — 4.4.26
Original
Segmented
ऐश्वर्यम् प्राप्य दुष्प्रापम् प्रियम् प्राप्य च राजतः अप्रमत्तो भवेद् राज्ञः प्रियेषु च हितेषु च
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ऐश्वर्यम् | ऐश्वर्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| दुष्प्रापम् | दुष्प्राप | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| राजतः | राजन् | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| अप्रमत्तो | अप्रमत्त | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| राज्ञः | राजन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| प्रियेषु | प्रिय | pos=a,g=n,c=7,n=p |
| च | च | pos=i |
| हितेषु | हित | pos=a,g=n,c=7,n=p |
| च | च | pos=i |