महाभारतम् — 4.4.31
Original
Segmented
लाभे न हर्षयेद् यः तु न व्यथेद् यो ऽवमानितः असंमूढः च यो नित्यम् स राज-वसतिम् वसेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| लाभे | लाभ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| न | न | pos=i |
| हर्षयेद् | हर्षय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| न | न | pos=i |
| व्यथेद् | व्यथ् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽवमानितः | अवमानय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| असंमूढः | असंमूढ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| राज | राजन् | pos=n,comp=y |
| वसतिम् | वसति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| वसेत् | वस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |