महाभारतम् — 4.4.43
Original
Segmented
यानम् वस्त्रम् अलंकारम् यत् च अन्यत् सम्प्रयच्छति तद् एव धारयेत् नित्यम् एवम् प्रियतरो भवेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यानम् | यान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| वस्त्रम् | वस्त्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अलंकारम् | अलंकार | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| अन्यत् | अन्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| सम्प्रयच्छति | सम्प्रयम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| धारयेत् | धारय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| प्रियतरो | प्रियतर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |