महाभारतम् — 4.41.17
Original
Segmented
अर्जुन उवाच एकान्ते रथम् आस्थाय पद्भ्याम् त्वम् अवपीडय दृढम् च रश्मीन् संयच्छ शङ्खम् ध्मास्यामि अहम् पुनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अर्जुन | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| एकान्ते | एकान्त | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| रथम् | रथ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आस्थाय | आस्था | pos=vi |
| पद्भ्याम् | पद् | pos=n,g=m,c=3,n=d |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अवपीडय | अवपीडय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| दृढम् | दृढम् | pos=i |
| च | च | pos=i |
| रश्मीन् | रश्मि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| संयच्छ | संयम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| शङ्खम् | शङ्ख | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| ध्मास्यामि | धम् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |