महाभारतम् — 4.44.1
Original
Segmented
कृप उवाच सदा एव तव राधेय युद्धे क्रूरतरा मतिः न अर्थानाम् प्रकृतिम् वेत्थ न अनुबन्धम् अवेक्षसे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कृप | कृप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| सदा | सदा | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| राधेय | राधेय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| युद्धे | युद्ध | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| क्रूरतरा | क्रूरतर | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| मतिः | मति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| अर्थानाम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| प्रकृतिम् | प्रकृति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| वेत्थ | विद् | pos=v,p=2,n=s,l=lit |
| न | न | pos=i |
| अनुबन्धम् | अनुबन्ध | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अवेक्षसे | अवेक्ष् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |