महाभारतम् — 4.44.15
Original
Segmented
आत्मानम् यः समुद्बध्य कण्ठे बद्ध्वा महा-शिलाम् समुद्रम् प्रतरेद् दोर्भ्याम् तत्र किम् नाम पौरुषम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| समुद्बध्य | समुद्बन्ध् | pos=vi |
| कण्ठे | कण्ठ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| बद्ध्वा | बन्ध् | pos=vi |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| शिलाम् | शिला | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| समुद्रम् | समुद्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रतरेद् | प्रतृ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| दोर्भ्याम् | दोस् | pos=n,g=,c=5,n=p |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| नाम | नाम | pos=i |
| पौरुषम् | पौरुष | pos=n,g=n,c=1,n=s |