महाभारतम् — 4.52.6
Original
Segmented
एकच्छायम् इव आकाशम् प्रकुर्वन् सर्वतः प्रभुः प्रच्छादयद् अमेय-आत्मा पार्थः शर-शतैः कृपम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एकच्छायम् | एकच्छाय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| आकाशम् | आकाश | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्रकुर्वन् | प्रकृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| सर्वतः | सर्वतस् | pos=i |
| प्रभुः | प्रभु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| प्रच्छादयद् | प्रच्छादय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| अमेय | अमेय | pos=a,comp=y |
| आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पार्थः | पार्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शर | शर | pos=n,comp=y |
| शतैः | शत | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| कृपम् | कृप | pos=n,g=m,c=2,n=s |