महाभारतम् — 4.53.60
Original
Segmented
अनिशम् संदधानस्य शरान् उत्सृज् तदा ददृशे न अन्तरम् किंचित् पार्थस्य आददानस्य ऽपि च
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अनिशम् | अनिशम् | pos=i |
| संदधानस्य | संधा | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| शरान् | शर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| उत्सृज् | उत्सृज् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| तदा | तदा | pos=i |
| ददृशे | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| न | न | pos=i |
| अन्तरम् | अन्तर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| किंचित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| पार्थस्य | पार्थ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| आददानस्य | आदा | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| च | च | pos=i |