महाभारतम् — 4.57.2
Original
Segmented
स सायक-मयैः जालैः सर्वतस् तान् महा-रथान् प्राच्छादयद् अमेय-आत्मा नीहार इव पर्वतान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सायक | सायक | pos=n,comp=y |
| मयैः | मय | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| जालैः | जाल | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| सर्वतस् | सर्वतस् | pos=i |
| तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| रथान् | रथ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| प्राच्छादयद् | प्रच्छादय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| अमेय | अमेय | pos=a,comp=y |
| आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| नीहार | नीहार | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| पर्वतान् | पर्वत | pos=n,g=m,c=2,n=p |