महाभारतम् — 4.62.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच ततो विजित्य संग्रामे कुरून् गो वृषभ-ईक्षणः समानयामास तदा विराटस्य धनम् महत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ततो | ततस् | pos=i |
| विजित्य | विजि | pos=vi |
| संग्रामे | संग्राम | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| कुरून् | कुरु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| गो | गो | pos=i |
| वृषभ | वृषभ | pos=n,comp=y |
| ईक्षणः | ईक्षण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| समानयामास | समानी | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तदा | तदा | pos=i |
| विराटस्य | विराट | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| धनम् | धन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| महत् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |