महाभारतम् — 4.63.44
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच ततः प्रकुपितो राजा तम् अक्षेन अहनत् भृशम् मुखे युधिष्ठिरम् कोपात् न एवम् इति एव भर्त्सयन्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ततः | ततस् | pos=i |
| प्रकुपितो | प्रकुप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अक्षेन | अक्ष | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| अहनत् | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
| भृशम् | भृशम् | pos=i |
| मुखे | मुख | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| युधिष्ठिरम् | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| कोपात् | कोप | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| न | न | pos=i |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| इति | इति | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| भर्त्सयन् | भर्त्सय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |