महाभारतम् — 4.67.32
Original
Segmented
ताम् प्रत्यगृह्णात् कौन्तेयः सुतस्य अर्थे धनंजयः सौभद्रस्य अनवद्य-अङ्गीम् विराट-तनयाम् तदा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| प्रत्यगृह्णात् | प्रतिग्रह् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| कौन्तेयः | कौन्तेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सुतस्य | सुत | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| धनंजयः | धनंजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सौभद्रस्य | सौभद्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अनवद्य | अनवद्य | pos=a,comp=y |
| अङ्गीम् | अङ्ग | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| विराट | विराट | pos=n,comp=y |
| तनयाम् | तनया | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |