महाभारतम् — 4.8.16
Original
Segmented
केशाञ् जानामि अहम् कर्तुम् पिंषे साधु विलेपनम् ग्रथयिष्ये विचित्राः च स्रजः परम-शोभनाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| केशाञ् | केश | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| जानामि | ज्ञा | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| कर्तुम् | कृ | pos=vi |
| पिंषे | पिष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| साधु | साधु | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| विलेपनम् | विलेपन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| ग्रथयिष्ये | ग्रथय् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| विचित्राः | विचित्र | pos=a,g=f,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| स्रजः | स्रज् | pos=n,g=f,c=2,n=p |
| परम | परम | pos=a,comp=y |
| शोभनाः | शोभन | pos=a,g=f,c=2,n=p |