महाभारतम् — 4.8.25
Original
Segmented
यः च त्वाम् सततम् पश्येत् पुरुषः चारु-हासिनि एवम् सर्व-अनवद्य-अङ्गे स च अनङ्ग-वशः भवेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| सततम् | सततम् | pos=i |
| पश्येत् | पश् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| पुरुषः | पुरुष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| चारु | चारु | pos=a,comp=y |
| हासिनि | हासिन् | pos=a,g=f,c=8,n=s |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| अनवद्य | अनवद्य | pos=a,comp=y |
| अङ्गे | अङ्ग | pos=a,g=f,c=8,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| अनङ्ग | अनङ्ग | pos=n,comp=y |
| वशः | वश | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |