महाभारतम् — 5.105.16
Original
Segmented
एवम् उक्ते सखा तस्य गरुडो विनता-आत्मजः दर्शयामास तम् प्राह संहृष्टः प्रिय-काम्या
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एवम् | एवम् | pos=i |
| उक्ते | वच् | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
| सखा | सखि | pos=n,g=,c=1,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| गरुडो | गरुड | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| विनता | विनता | pos=n,comp=y |
| आत्मजः | आत्मज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| दर्शयामास | दर्शय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्राह | प्राह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| संहृष्टः | संहृष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
| काम्या | काम्या | pos=n,g=f,c=3,n=s |