महाभारतम् — 5.110.19
Original
Segmented
नारद उवाच एवम् बहु च दीनम् च ब्रुवाणम् गालवम् तदा प्रत्युवाच व्रजन्न् एव प्रहसन् विनता-आत्मजः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| नारद | नारद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| बहु | बहु | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| दीनम् | दीन | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| ब्रुवाणम् | ब्रू | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| गालवम् | गालव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| प्रत्युवाच | प्रतिवच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| व्रजन्न् | व्रज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| एव | एव | pos=i |
| प्रहसन् | प्रहस् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| विनता | विनता | pos=n,comp=y |
| आत्मजः | आत्मज | pos=n,g=m,c=1,n=s |