महाभारतम् — 5.112.3
Original
Segmented
नित्यम् प्रोष्ठपदाभ्याम् च शुक्रे धनपतौ तथा मनुष्येभ्यः समादत्ते शुक्रः चित्त-अर्जितम् धनम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| प्रोष्ठपदाभ्याम् | प्रोष्ठपद | pos=n,g=m,c=3,n=d |
| च | च | pos=i |
| शुक्रे | शुक्र | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| धनपतौ | धनपति | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| तथा | तथा | pos=i |
| मनुष्येभ्यः | मनुष्य | pos=n,g=m,c=5,n=p |
| समादत्ते | समादा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| शुक्रः | शुक्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| चित्त | चित्त | pos=n,comp=y |
| अर्जितम् | अर्जय् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| धनम् | धन | pos=n,g=n,c=2,n=s |