महाभारतम् — 5.12.24
Original
Segmented
शल्य उवाच अथ देवाः तम् एव आहुः गुरुम् अङ्गिरसाम् वरम् कथम् सुनीतम् तु भवेत् मन्त्रयस्व बृहस्पते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शल्य | शल्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| अथ | अथ | pos=i |
| देवाः | देव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| आहुः | अह् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| गुरुम् | गुरु | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| अङ्गिरसाम् | अङ्गिरस् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| वरम् | वर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| कथम् | कथम् | pos=i |
| सुनीतम् | सुनीत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| मन्त्रयस्व | मन्त्रय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| बृहस्पते | बृहस्पति | pos=n,g=m,c=8,n=s |