महाभारतम् — 5.126.29
Original
Segmented
धर्म-अर्थौ अभिसंत्यज्य संरम्भम् यो ऽनुमन्यते हसन्ति व्यसने तस्य दुर्हृदो नचिराद् इव
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| अर्थौ | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| अभिसंत्यज्य | अभिसंत्यज् | pos=vi |
| संरम्भम् | संरम्भ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽनुमन्यते | अनुमन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| हसन्ति | हस् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| व्यसने | व्यसन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| दुर्हृदो | दुर्हृद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| नचिराद् | नचिरात् | pos=i |
| इव | इव | pos=i |