महाभारतम् — 5.129.11
Original
Segmented
नेत्राभ्याम् नस्तात् च एव श्रोत्राभ्याम् च समन्ततः प्रादुरासन् महा-रौद्रीः स धूम पावक-अर्चिषः रोमकूपेषु च तथा सूर्यस्य इव मरीचयः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| नेत्राभ्याम् | नेत्र | pos=n,g=n,c=5,n=d |
| नस्तात् | नस्त | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| श्रोत्राभ्याम् | श्रोत्र | pos=n,g=n,c=5,n=d |
| च | च | pos=i |
| समन्ततः | समन्ततः | pos=i |
| प्रादुरासन् | प्रादुरस् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| रौद्रीः | रौद्र | pos=a,g=f,c=1,n=p |
| स | स | pos=i |
| धूम | धूम | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| पावक | पावक | pos=n,comp=y |
| अर्चिषः | अर्चिस् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| रोमकूपेषु | रोमकूप | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| च | च | pos=i |
| तथा | तथा | pos=i |
| सूर्यस्य | सूर्य | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| मरीचयः | मरीचि | pos=n,g=m,c=1,n=p |