महाभारतम् — 5.131.21
Original
Segmented
दाने तपसि शौर्ये च यस्य न प्रथितम् यशः विद्यायाम् अर्थ-लाभे वा मातुः उच्चार एव सः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दाने | दान | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| तपसि | तपस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| शौर्ये | शौर्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| च | च | pos=i |
| यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| न | न | pos=i |
| प्रथितम् | प्रथ् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| यशः | यशस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| विद्यायाम् | विद्या | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
| लाभे | लाभ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| मातुः | मातृ | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| उच्चार | उच्चार | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| सः | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |