महाभारतम् — 5.131.42
Original
Segmented
स्व-बाहु-बलम् आश्रित्य यो ऽभ्युज्जीवति मानवः स लोके लभते कीर्तिम् परत्र च शुभाम् गतिम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| बाहु | बाहु | pos=n,comp=y |
| बलम् | बल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आश्रित्य | आश्रि | pos=vi |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽभ्युज्जीवति | अभ्युज्जीव् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| मानवः | मानव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| लभते | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| कीर्तिम् | कीर्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| परत्र | परत्र | pos=i |
| च | च | pos=i |
| शुभाम् | शुभ | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| गतिम् | गति | pos=n,g=f,c=2,n=s |