महाभारतम् — 5.133.12
Original
Segmented
न शक्र-भवने पुण्ये दिवि तद् विद्यते सुखम् यद् अमित्रान् वशे कृत्वा क्षत्रियः सुखम् अश्नुते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| शक्र | शक्र | pos=n,comp=y |
| भवने | भवन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| पुण्ये | पुण्य | pos=a,g=n,c=7,n=s |
| दिवि | दिव् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| सुखम् | सुख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अमित्रान् | अमित्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| वशे | वश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| क्षत्रियः | क्षत्रिय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सुखम् | सुख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अश्नुते | अश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |