महाभारतम् — 5.133.37
Original
Segmented
शत्रुम् कृत्वा यः सहायम् विश्वासम् उपगच्छति अतः संभाव्यम् एव एतत् यद् राज्यम् प्राप्नुयाद् इति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शत्रुम् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सहायम् | सहाय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| विश्वासम् | विश्वास | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| उपगच्छति | उपगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| अतः | अतस् | pos=i |
| संभाव्यम् | सम्भावय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| एव | एव | pos=i |
| एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| यद् | यत् | pos=i |
| राज्यम् | राज्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्नुयाद् | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| इति | इति | pos=i |