महाभारतम् — 5.137.12
Original
Segmented
वास एव यथा हि त्वम् प्रावृण्वानो ऽद्य मन्यसे स्रजम् त्यक्ताम् इव प्राप्य लोभाद् यौधिष्ठिरीम् श्रियम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वास | वासस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| यथा | यथा | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| प्रावृण्वानो | प्रावृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| ऽद्य | अद्य | pos=i |
| मन्यसे | मन् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| स्रजम् | स्रज् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| त्यक्ताम् | त्यज् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| इव | इव | pos=i |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| लोभाद् | लोभ | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| यौधिष्ठिरीम् | यौधिष्ठिर | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| श्रियम् | श्री | pos=n,g=f,c=2,n=s |