महाभारतम् — 5.139.47
Original
Segmented
दुःशासनस्य रुधिरम् यदा पास्यति पाण्डवः आनर्दम् नर्दतः सम्यक् तदा सुत्यम् भविष्यति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दुःशासनस्य | दुःशासन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| रुधिरम् | रुधिर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| यदा | यदा | pos=i |
| पास्यति | पा | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| पाण्डवः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| आनर्दम् | आनर्दम् | pos=i |
| नर्दतः | नर्द् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| सम्यक् | सम्यक् | pos=i |
| तदा | तदा | pos=i |
| सुत्यम् | सुत्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| भविष्यति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |