महाभारतम् — 5.151.26
Original
Segmented
तत् श्रुत्वा वासुदेवो ऽपि सव्यसाचिन्-वचः तदा स्मयमानो ऽब्रवीत् पार्थम् एवम् एतद् इति ब्रुवन्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| वासुदेवो | वासुदेव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| सव्यसाचिन् | सव्यसाचिन् | pos=n,comp=y |
| वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| स्मयमानो | स्मि | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| ऽब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| पार्थम् | पार्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| एतद् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| ब्रुवन् | ब्रू | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |