महाभारतम् — 5.158.15
Original
Segmented
द्रोणम् मोहाद् युधा पार्थ यत् जिगीषसि तत् मृषा न हि शुश्रुम वातेन मेरुम् उन्मथितम् गिरिम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| द्रोणम् | द्रोण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| मोहाद् | मोह | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| युधा | युध् | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| पार्थ | पार्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| यत् | यत् | pos=i |
| जिगीषसि | जिगीष् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| मृषा | मृषा | pos=i |
| न | न | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| शुश्रुम | श्रु | pos=v,p=1,n=p,l=lit |
| वातेन | वात | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| मेरुम् | मेरु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| उन्मथितम् | उन्मथ् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| गिरिम् | गिरि | pos=n,g=m,c=2,n=s |