महाभारतम् — 5.160.9
Original
Segmented
कैतव्य गत्वा भरतान् समेत्य सुयोधनम् धार्तराष्ट्रम् ब्रवीहि तथा इति आह अर्जुनः सव्यसाची निशा-व्यपाये भविता विमर्दः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कैतव्य | कैतव्य | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| गत्वा | गम् | pos=vi |
| भरतान् | भरत | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| समेत्य | समे | pos=vi |
| सुयोधनम् | सुयोधन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| धार्तराष्ट्रम् | धार्तराष्ट्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| ब्रवीहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| तथा | तथा | pos=i |
| इति | इति | pos=i |
| आह | अह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| अर्जुनः | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सव्यसाची | सव्यसाचिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| निशा | निशा | pos=n,comp=y |
| व्यपाये | व्यपाय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| भविता | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| विमर्दः | विमर्द | pos=n,g=m,c=1,n=s |