महाभारतम् — 5.174.6
Original
Segmented
प्रतिपत्स्यति राजा स पिता ते यद् अनन्तरम् तत्र वत्स्यसि कल्याणि सुखम् सर्व-गुण-अन्विता न च ते ऽन्या गतिः न्याय्या भवेद् भद्रे यथा पिता
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रतिपत्स्यति | प्रतिपद् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पिता | पितृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अनन्तरम् | अनन्तर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| वत्स्यसि | वस् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| कल्याणि | कल्याण | pos=a,g=f,c=8,n=s |
| सुखम् | सुखम् | pos=i |
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| गुण | गुण | pos=n,comp=y |
| अन्विता | अन्वित | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| ऽन्या | अन्य | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| गतिः | गति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| न्याय्या | न्याय्य | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| भद्रे | भद्र | pos=a,g=f,c=8,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |
| पिता | पितृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |