महाभारतम् — 5.192.4
Original
Segmented
त्वया च प्राग् अभिहितम् देव-वाक्य-अर्थ-दर्शनात् कन्या भूत्वा पुमान् भावि इति एवम् च एतत् उपेक्षितम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| प्राग् | प्राक् | pos=i |
| अभिहितम् | अभिधा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| देव | देव | pos=n,comp=y |
| वाक्य | वाक्य | pos=n,comp=y |
| अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
| दर्शनात् | दर्शन | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| कन्या | कन्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| भूत्वा | भू | pos=vi |
| पुमान् | पुंस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भावि | भाविन् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| च | च | pos=i |
| एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| उपेक्षितम् | उपेक्ष् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |